Sunday 9 October 2016

जय सुर्यदेवी माँ मांडोदेवी का स्वयभू मंदिर,गोरेगांव तहसील गोंदिया जिला (महाराष्ट्र)

माँ मांडोदेवी का स्वयभू मंदिर की काफी मान्यता है जो की गोंदिया (महाराष्ट्र) जिले के गोरेगांव तहसील से 15 कि मी दूर देवरी मार्ग में स्थित है.

माँ ने यहां स्थित विशाल पहाड़ को दो भागो में तोड़ कर स्वय स्थापित हुई है
साथ ही इसी पहाड़ के निचे के भूभाग में भी माता जी की गुफा है
नवरात्र में यहां बहुत बड़ा मेला लगता है
मंदिर में महालक्छमी , महासरस्वती तथा महाकाली की स्वय प्रकट हुई मूर्ति स्थापित है
यहां का पूरा परिसर हरे भरे घने जंगलो में बसा होने से शुद्ध प्राकृतिक वातावरण मे पर्यटन और माँ के दर्शन के लिए भक्तो का रोजाना हजारो की संख्या में आना जाना लगा रहता है
माँ मांडो देवी का यह स्वयभू मंदिर का दर्शनीय स्थल लोगो के आकर्षण का केंद्र है जहा पर आसपास से लोग पहुचकर माँ का आशीर्वाद प्राप्त करते है.
यहां तक पहुच ने हेतु सड़क मार्ग उपलब्ध है.
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Wednesday 5 October 2016

हाजरा फॉल दर्रेकसा सुरंग के नज़दीक का झरना (अतिसंवेदनशील नक्सलग्रस्त क्षेत्र में बसा यह हाजरा फाल महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश राज्य के लिए मशहूर पर्यटन स्थल से कम नहीं है।

Hajra Fall, Gondia  near  railway tunnel  darrekasa dongargadh


हाजरा फॉल दर्रेकसा जलप्रपात को मै हमेशा हि भोपाल की ट्रेन यात्रा के दौरान देखा करता था जो की मुझे काफी आकर्षित करता था इसलिए एक बार डोंगरगढ़ की यात्रा के दौरान हाजरा फॉल तक निजी वाहन से दर्रेकसा क़स्बा से होते हुए चला गया हाजरा फॉल जो की वर्षाऋतू मे अपनी सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है।

यदि आप डोंगरगढ़ से नागपुर की दिशा मे हावड़ा - मुंबई रेलवे लाइन मे यात्रा कर रहे हैदर्रेकसा रेलवे स्टेशन से थोडा ही आगे पर बोगदा अँधेरा सुरंग के रूप मे आता है जिसके ख़त्म होते ही खिड़की से बाहर यदि दायी दिशा मे नज़र डालते है ,तो हरे-भरे घने जंगल के बीच आपको एक झरना गिरता हुआ दिखता है और वही एक चट्टान पर हाजरा फाल लिखा हुआ भी नज़र आता है


बह रही नदियों पहाड़ी से नीचे झरना के रूप मे ४० फीट ऊपर से गिरकर यह झरना बनता है इसलिए इसके चुंबकीय आकर्षण से बंधकर पर्यटक दूर से चला आता है। नीचे झरना के बाद यह नाला का पानी झील के रूप में जमा होता है
आप चाहे तो वहां पर केम्पिंग भी कर सकते है यह सलेकसा की और जाने वाली राजमार्ग से से 1.5 या 02 km दूर घने जंगल के अन्दर है ये गोंदिया जिले में आता है। यदि आप पैदल रेलवे पटरी के बाजू चलकर एक किलोमीटर पश्चिम दिशा मे दर्रेकसा रेलवे स्टेशन की ओर से पड़ेगा । पैदल रेलवे लाइन पर चलने का अनुभव बहुत अलग आनंद देता है। अँधेरे बंद सुरंग मे प्रवेश कर और दूसरी तरफ बोगदा पार बाहर निकलना एक अलग हि रोमांच का अनुभव आपको कराएगा . सुरंग पार करने के बाद आप दायी और उतर कर हाजरा फाल क्षेत्र तक पहुँच सकते हैं।
ट्रेकिंग के शौकीन लोगो के लिए यह एक बढ़िया स्थान है

स्थानीय बस मार्गों या ट्रेन से भी आप पहुँच सकते हैं। लेकिन खुद की बाइक या चार व्हीलर वाहन सीधे आपको स्थल तक पहुँचा जा सकता है।
डोंगरगढ़ Dongargarh (Chhattisgarh) के बाद दर्रेकसा रेलवे स्टेशन जहा की सिर्फ लोकल / पेसेंजर ट्रेन ही रुकती है .से पैदल के रास्ते मे 1.5 km के आसपास रेलवे बोगदा ख़त्म होते ही घने जंगल के बीच ,,,,अतिसंवेदनशील नक्सलग्रस्त क्षेत्र में बसा यह हाजरा फाल महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश राज्य के लिए मशहूर पर्यटन स्थल से कम नहीं है।
dhanegava, kopalagada और daladalakuhi तीन नालो का पानी इसमें आता है .
बारिश में शुरू के रूप में पानी लाल-पीले रंग मे गन्दा लेकिन शेष दिनों मे दुधिया रूप मे दीखता है

प्रगेतिहासिक गुफाये
यह समीपस्थ और कुछ नज़दीक ही अनेको गुफाये स्थित है , लेकिन इसे देखने जहा तक गाड़ी गयी वहा तक तो गये ,पर आगे पैदल जाने की आवश्यकता होने से समय की कमी के कारण से वापस हो गए थे
यदि आप जाना चाहे तो किसी न किसी स्थानीय व्यक्ति को साथ मे जरुर ले लेवे .इनमे से एक गुफा जिसमे ३०० से भी आधिक व्यक्ति बैठ सकते है दूर दर्शन मे आने वाले पूर्व
कार्यक्रम " ऐसा भी होता है " मे दिखाया भी जा चूका है
कैसे जावे
समीपस्थ एयरपोर्ट नागपुर / रायपुर है . व समीपस्थ रेलवे स्टेशन गोंदिया, डोंगरगढ़ है.जहा पर निजी वाहन किराये पर उपलब्ध है.