Thursday, 6 November 2014

जिंदगी खुली आँखों में
devendra kumar sharma

सुंदरनगर रायपुर छ ग 

एक बच्चा ट्रैन में सफर कर रहा था ,जो की खिड़की के पास बैठा हुआ था। और जो भी चीज़ उसे दीखता वो चिल्ला पड़ता। वो देखो पापा पहाड़ पापा पापा वो पेड़ ,वो देखो गाय. आदि आदि। पडोसी ने पूछा की क्या बच्चा मंद बुद्धि का है जो की छोटी छोटी बातो को देख कर उत्सुकता से चिल्ला उठता है। पिता ने कहा इसकी आँखे जन्म से बंद थी आज ऑपरेशन के बाद पहली बार अपनी जीवन में आखो से दुनिया देख रहा है। और पडोसी की आँखों में अपने कथन के लिए आँखे भर आई। कहने का मतलब बिना जाने दूसरे को उसपर कमेंट करने से पहले विचार कर व् कारण जान कर ही बोलने चाहिए।

1 comment:

  1. मार्मिक! आपकी अन्य पोस्ट भी दिलचस्प हैं। कृपया स्मारक नम्बर दें।

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