Sunday, 12 October 2014


अधिकारी कैसे कैसे,,,,,,,,,,,,,,,,?

मित्रो मैंने अनेको अधिकारी के साथ काम किया है। जिनमे आई ए ,,एस राज्य प्रशासनिक सेवा तथा अन्य सोर्से से आये लोग रहे है। इन सब के साथ काम करते करते आज पर्यन्त ईमानदारी क्या और कैसे होता है समझ नही पाया ?
मै रायगढ़ जिले में पदस्थ था। हर माह में एक बार समयसीमा की बैठक होती थी। अचानक ही कलेक्टर ने एक राजस्व अनुविभागीय को बोला मिस्टर ,,,,,,,तुम एक बोर्ड बनवाओ। राजस्व अधिकारी ने कलेक्टर को खुश करने तुरंत बोला। आज ही बनवा लेता हु सर ,उसमे लिखाना क्या है। कलेक्टर ने कहा तुम्हारे रेट लिस्ट। अब उस अनुविभागीय अधि , की झेंपने की पारी थी। सारे अधिकारी जो मीटिंग में मौजूद थे हंसने लगे।
तब मेरे सामने यह राज खुला की वो अपने चेम्बर में आते ही क्यों ऐसा कहते थे की लक्ष्मीनारायण की फाइल मेरे सामने रख दो ,शेष बाद में देखेंगे। और ऐसा वो रोज़ ही कहते थे। इस लिए किसी ने उनकी शिकायत कर दी थी। की जिस फाइल में लक्ष्मी नारायण को बैठाया
 को  जाता है ,वे सिर्फ उसी फाइल को छूते है। बाकि फाइल एक किनारे रख सिर्फ पेशी दे दी जाती है।लक्ष्मीनारायण के आशय तो आप समझ ही गए होंगे। 


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