Wednesday, 10 August 2016

कुर्सी मत छोड़िए आप  ,बड़े मुश्किल से मिलता है?

श्री पटवा जी ने मुझे कहा


वर्ष १९८३-८४ के आसपास श्री सुन्दर लाल पटवा जी विधानसभा म. प्र. में विपक्ष के नेता थे। उन्होंने बस्तर से भोपाल तक पदयात्रा प्रारम्भ की थी। उसी दौरान वे बोडला ( तब राजनांदगाव जिला ) पहुंचे।  ( सुंदरलाल पटवा जी  बेहिचक कठोर निर्णय लेने की वृत्ति और प्रशासनिक शैली के चलते  मुख्यमंत्री कार्य काल में कठोर प्रशासक के रूप में गिनती होती थी)  वह विकास पुरुष थे। विकास के पुरोधा।  कवर्धा से पौड़ी होते हुए. तब कवर्धा में गिनती के भाजपाई थे। आरएसएस जरूर था। श्री छेदी लाल सोनी। श्री लुणिआ ,डॉ रमन सिंह(इनकी राजनिती की शुरुवात ही तब हुई थी ). आदि आदि व  बोडला के स्थानीय  नेता भी संग में मेरे दफ़्तर आये. 
उनके द्वारा मुझे पुरे कार्यक्रम की जानकारी दी गई.
उनकी चिंता श्री पटवा जी के रुकने की व्यस्था को लेकर थी। उनके द्वारा इस बावत निवेदन भी किया गया। मैंने तत्काल अनुविभागीय अधिकारी श्री शेखावत व् उनके माध्यम से कलेक्टर से बात कि. प्रोटोकॉल के अनुसार उन्हें शासकीय सुविधा का लाभ दिया ही जाना था.!

खैर पौड़ी में कोई भी आरामगाह टॉयलेट सहित दूसरा भवन  नही था  ,सिवा ग्रामपंचायत भवन के। अमीनउद्दीन वह! के सरपंच थे। उन्हें समझा कर पंचायत भवन की साफ सफाई करा दी गयी। साथ ही  भोजन आदि की ब्यबस्था  भी। २रे दिन बोडला स्थित डाकबंगला में  ।

अतः मुझे लगा की वे भाषण देने  के बाद सीधे चिल्फी की और बढ़ लेंगे। प्रोटोकॉल के नियमो के भीतर पहले ही हम लोग उनसे  मिल चुके और ब्यबस्था से संतुष्ट ही थे वे। अगले दिन मंडला बॉर्डर तक जाकर उन्हें  बिदा करके आने का  भी कार्यक्रम हम लोगो का तय था। 

भाषण ख़त्म हुआ , मैं अपने शासकीय   काम में व्यस्त था  ,की पटवा जी कार्यकर्त्ता सहित मेरे कमरे में अचानक ही आ पहुंचे ! मैं हड़बड़ा गया ।  चूँकि उन्हें  कैबिनेट स्तर  मिनिस्टर की सुविधा प्राप्त थी  ,ही  मै उन्हें सम्मान में  अपनी कुर्सी छोड़ खड़ा हो गया।  
तब पटवा जी ने हसते हुए कहा '' बिडिओ साहब कुर्सी बड़े मुश्किल से मिलती है ,आप छोडो मत बैठ जाइये। 
फिर उनके एक कार्यकर्ता ने मुझे बताया की उन्हें टॉयलेट जाना है। उस टाइम ये सुविधा सिर्फ मेरे क्वार्टर में ही थी ,साथ में उन्हें मैं अपने  क्वार्टर ले गया। फिर चाय पानी के बाद उन्हें बिदा   किया। उस समय कांग्रेस शासन थी ,अर्जुन सिंह जी मुख्यमंत्री थे। स्थानीय विधायक के उक्त सम्बन्ध में क्वेश्चन विधानसभा में  भी झेले।

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